NPS vs OPS : 3 राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए Old Pension Yojana को लागू किया और कर्मचारियों के खातों से PF Rules के तहत कटौती भी शुरू कर दी. लेकिन असर की समस्या इसके बाद तब शुरू हुई जब इन राज्यों ने अपने कर्मचारियों और सरकार की ओर से NPS में जमा पैसे वापस मांगे।
राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील मोदी द्वारा इस संबंध में उठाए गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि फिलहाल इस संबंध में कोई नियम नहीं है. उन्होंने PFRDA के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा समय में ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, जिससे NPS में जमा पैसा वापस किया जा सके।

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी हैं कि आम आदमी का NPS में जमा पैसा राज्यों को नहीं दिया जा सकता है. मुश्किल यह है कि Refund न होने की स्थिति में इन राज्यों को या तो 16–17 साल के लिए अपने दम पर फंड जमा करना होगा या फिर मौजूदा (NPS) सिस्टम में वापस जाना होगा।
वित्त मंत्रालय का हस्तक्षेप से इनकार
फिलहाल वित्त मंत्रालय ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है और राज्यों को Pension Regulatory and Development Authority (PFRDA) से निपटने को कहा है. केंद्र ने दो टूक कहा है कि मौजूदा PFRDA कानून के तहत राज्य अपनी सुविधा के अनुसार New Pension Yojana से बाहर नहीं निकल सकते हैं.
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PFRDA ने क्या जवाब भेजा?
पेंशन नियामक PFRDA ने वित्त मंत्रालय को अपना जवाब भेजकर कहा है कि NPS में जमा कर्मचारियों और राज्यों के योगदान को वापस करने का फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है. रिफंड के लिए मौजूदा PFRDA कानून में बदलाव करना होगा। इसके साथ ही NPS को अपनाने वाले सभी राज्यों की सहमति लेना जरूरी होगा। इससे पहले झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने रिफंड के लिए केंद्र से गुहार लगाई थी. इसके साथ ही कई और राज्य भी NPS से OPS में शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं.
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क्या है एक्सपर्ट की राय
टैक्स विशेषज्ञ शरद कोहली से बात की उन्होंने कहा, वैसे तो Pension राज्य का विषय है, लेकिन सभी राज्यों ने National Pension Scheme को लेकर एक समझौता किया था, जिसके बाद ही इसे लागू किया गया। मौजूदा प्रावधानों के तहत पैसा सिर्फ retirement और emergency की स्थिति में ही निकाला जा सकता है। इससे पहले NPS से निकलने का कोई प्रावधान नहीं है। पैसा निकालना है तो कानून में बदलाव करना होगा।
राज्यों पर भार पड़ेगा
कोहली ने कहा, अब तक जो पैसा जमा हुआ है, उसे बाजार में लगाया गया है और उस पर औसतन 8 से 10 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है, जो बेहतर रिटर्न माना जाता है. यदि राज्य पुरानी पेंशन योजना की ओर लौटता है, तो इससे सरकारी खजाने पर अधिक बोझ पड़ेगा और सरकार के पास रोजगार के साथ–साथ विकास पैदा करने वाली योजनाओं में निवेश करने के लिए धन की कमी हो जाएगी।
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NPS में 71 लाख सब्सक्राइबर
केंद्र और राज्यों को मिलाकर अब तक NPS Yojana में 71 लाख ग्राहक जुड़ चुके हैं। इसमें से 21 लाख ग्राहक केंद्र सरकार के हैं, जिनसे अब तक कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये का फंड जुटाया जा चुका है. इसी तरह 32 राज्यों के करीब 50 लाख कर्मचारियों ने अब तक NPS का विकल्प चुना है। इन कर्मचारियों के जरिए अब तक 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. कुल मिलाकर NPS के तहत कुल asset under management करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये है।
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