नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको New National Education Policy 2023 के बारे में बताने जा रहें हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिक्षा प्रणाली में स्कूल से कॉलेज स्टार में कई बदलाव किये हैं। शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। इसका उद्देस्य भारत को global knowledge superpower बनाना है। आइये जानते हैं नई शिक्षा नीति (NEP 5+3+3+4 Structure) के बारे मैं सम्पूर्ण जानकारी।
शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 2020 में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) की घोषणा की गई जिसमें ना केवल शिक्षा के ढांचे को बदलने की बात की गई बल्कि कई प्रकार से आधुनिक शिक्षा को किस प्रकार सफल बनाया जाए इस विषय पर चर्चा की गई है। आर्टिकल के माध्यम से हम आपको समझाने की कोशिश करेंगे कि नई शिक्षा नीति का शैक्षिक ढांचा (NEW STRUCTURE OF NEW EDUCATION POLICY) क्या है? यह नीति कब से लागू की जाएगी? NEP 2020 के महत्वपूर्ण बिंदु क्या है? NEP new system से संबंधित सभी बिंदुओं पर चर्चा करें।
National Education Policy 2020: स्कूल से कॉलेज स्तर तक
कैबिनेट सत्र 2020 में पेश की गई New Education Policy को 10 साल के उद्देश्य के लिए बनाया गया है, यानी सरकार द्वारा यह उम्मीद की गई है कि 2030 तक यह योजना पूरे भारत में लागू हो जाएगी। दरअसल new National Education Policy कई तरह से चर्चा का विषय है, इससे पहले स्कूली शिक्षा में 10+2 के आधार पर शिक्षा प्रदान की जा रही थी। यानी कक्षा 10 तक बच्चे विद्यालय द्वारा दिए गए सब्जेक्ट को पढ़ते हैं और कक्षा 11–12 में उनको अपना विषय चयन करने का अधिकार मिलता था, अब यह ढांचा 5+3+3+4 के आधार पर कार्य कर रहा है।
Years | Stage | Curriculum |
5 | Foundational | 3 साल की प्री-प्राइमरी और उसके बाद कक्षा 1 और 2 |
3 | Preparatory | Classes 3 to 5 |
3 | Middle | Classes 6 to 8 |
4 | Secondary | Classes 9-12 |
अब विद्यालय शिक्षा को चार भागों में बांटा गया है जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे। इसके साथ ही (integrate B.Ed ) को भी प्रस्तुत किया गया है जहां प्राथमिक कक्षा से लेकर उच्च कक्षा तक सभी छात्रों को पढ़ाने के लिए B.Ed करना अनिवार्य होगा। इससे पहले प्राथमिक कक्षा के छात्रों को पढ़ाने के लिए D.El.Ed करना आवश्यक था। इसके साथ ही अब छात्रों को यह सुविधा दी गई है कि वह नवी कक्षा के बाद ही अपने विषय चयन कर सकते हैं। यानी कक्षा 9 से 12 तक छात्र उन्हीं विषयों को पढ़ेंगे जिनको उन्होंने चयन किया है,
इसी तरह की जानकारी आर्टिकल में आपको अंत तक प्रदान कर रहे हैं:
New Curriculum Structure : New Education Policy Structure
नई शिक्षा नीति में विद्यालय की शिक्षा को जो कि 12 वर्ष की होती है चार भागों में बांटा गया है। इसको आसानी के लिए 5+3+3+4 पैटर्न का नाम दिया गया है।
Foundational Stage (NEP)
इससे पहले विद्यालयों में Admission पहली क्लास में होता था। लेकिन अब 3 साल के बच्चे भी विद्यालय कक्षा में दाखिला ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें 3 साल की आयु के बाद नजदीकी आंगनवाड़ी में दाखिला मिल जाएगा जहां वह 3 से 6 साल की आयु तक शिक्षा प्राप्त करेंगे। इस प्राप्त Bal Vatika/ Anganwadi स्थापित करी जा रही हैं जहां छात्र 3 साल की आयु के बाद एडमिशन लेते हैं और 6 साल की आयु तक वहीं पढ़ते हैं। इसके बाद उन्हें पहली और दूसरी कक्षा में भी इसी पैटर्न के आधार पर पढ़ाया जाएगा। इस प्रकार 3 साल आंगनवाड़ी में तथा 2 साल पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ाने के लिए Foundational Stage की संकल्पना दी गई है जिसे 5 भी कहा जाता है
Preparatory Stage
यह स्टेज 3 साल तक चलेगी , इसके अंतर्गत कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा। सरकार द्वारा इनके लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
Middle Stage
यह स्टेज भी 3 साल तक चलती है। कक्षा पांचवी के बाद उत्तीर्ण हुए छात्रों को इस स्टेज के अंतर्गत पढ़ाया जाएगा। कक्षा 6 से 8 तक के छात्र मिडिल स्टेज के अंदर आएंगे जिनके लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किए जाने का प्रावधान है।
Secondary Stage
एक स्टेज कक्षा 9 से प्रारंभ होती है तथा कक्षा 12 तक चलती है , इसे +4 भी कहा जाता है। इस स्टेज के अंतर्गत कक्षा 9वी में छात्रों को यह मौका दे दिया जाएगा कि वह अपने पसंद के सब्जेक्ट चुने। इसके साथ ही अब छात्र पहले से चले आ रहे Arts, Commerce और Science के चुनिंदा विषय पढ़ने के लिए बाध्यकारी नहीं है। अब छात्र गणित के साथ कला भी पढ़ सकते हैं, छात्रों को अपने पसंद के विषय चुनने का अधिकार है, कॉमर्स का छात्र विधिक भी ले सकता है।
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New Education Policy: महत्वपूर्ण बिंदु
ECCE का प्रावधान
Early Childhood Care Education के अंतर्गत अब छात्रों को बचपन ही से 3 साल की आयु में विद्यालय में जाने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। सरकार इसके लिए NTT कोर्स की भी व्यवस्था कर रही है जिसमें खासतौर पर 3 से 8 साल की आयु तक के बच्चों के लिए पढ़ाने के लिए विशेष अध्यापक तैयार किए जा रहे हैं।
Foundational Literacy and Numeracy (FLN)
नई शिक्षा नीति किस बात पर जोर देगी की सभी छात्रों को पढ़ने और लिखने का बुनियादी कौशल सिखाया जाए। यदि वह बुनियादी पढ़ने और लिखने के क्वेश्चन से अवगत हो जाते हैं तो उन्हें इसमें आगे भी शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं
Curriculum and Pedagogy in Schools
सरकार द्वारा तैयार किए गए नए करिकुलम के अनुसार अब B.Ed 4 वर्ष का किया जाएगा जिसमें प्राथमिक से लेकर उच्च कक्षा के छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही अब छात्र B.Ed के साथ ही अपने ग्रेजुएशन पूरी कर लेंगे। अब छात्रों को BA तथा B.ed अलग अलग करने की आवश्यकता नहीं है।
special educator
हर एक विद्यालय में एक स्पेशल एजुकेटर होगा जिसे विशेष शिक्षक भी कहा जाता है। इनका कार्य विद्यालय में पढ़ने वाले विषय छात्रों की देखभाल करना तथा उनके उत्थान के लिए कार्य करना होगा। सरकार द्वारा विशेष अध्यापक के लिए सरकारी और प्राइवेट स्तर पर भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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