Bank Privatisation News: भारत में कुल 12 सरकारी बैंक है और इंटरनेट पर इनका निजीकरण करने पर खबर शेयर की जा रही है. आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा साल 2019 के बाद से छोटी बैंकों का बड़ी बैंक में विलय किया गया था.सरकार द्वारा बैंकों के सुधारीकरण के लिए करी गई इस प्रक्रिया में कुल 27 बैंकों का विलय करके उन्हें 12 बैंकों में बांट दिया गया है. अब भारत में सरकारी बैंकों (Govt Job) की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई है. क्या सरकार इन 12 बैंकों को भी निजी सेक्टर (Private Sector) में बेच देगी? क्या है पूरा मामला? जानिए इस रिपोर्ट में:

SBI- PNB का Privatization
Bank Privatization in India: बैंकों के निजीकरण को लेकर लोगों में यह खबर घूम रही है कि सरकार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया SBI और पंजाब नेशनल बैंक PNB जैसे सरकारी क्षेत्रों से हटाकर प्राइवेट हाथों में बेच रही है. हालांकि इस प्रकार का नोटिस सरकार की तरफ से जारी नहीं किया गया है. आपको बता दें कि सरकार किसी भी बैंक को प्राइवेट सेक्टर में बेचने की कोशिश नहीं कर रही है. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्राइवेट क्षेत्रों में बेचने पर अभी विचार नहीं कर रही है.
NITI आयोग की बैंक निजीकरण के संबंध में लिस्ट
privatisation of banking institutions: बता दें कि बैंकों के निजीकरण के संबंध में यह खबर आ रही है कि सरकार 6 सरकारी बैंकों को अभी बेचने की प्लानिंग नहीं कर रही है. इन बैंकों का नाम इस प्रकार है. भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक. यह भारत की 6 बड़ी सरकारी बैंकों में से एक हैं. इसके अतिरिक्त कोई सरकारी बैंकों की संख्या 12 है. हालांकि सरकार ने किसी भी बैंक को बेचने पर अपने रिपोर्ट शेयर नहीं करी है.
किन बैंकों का होगा निजीकरण
privatisation of Indian banks: सरकार ने कई प्राइवेट बैंकों में अपना शेयर खरीद रखा है. इन शेयरों में मुनाफा ना होने के कारण सरकार इन्हें बेचने का प्लान बना रही है. इसमें से एक बड़ी बैंक का नाम है IDBI बैंक. आपको बता दें कि इंटरनेट पर जारी सूत्रों के अनुसार सरकार का लगभग 60% शेयर इस बैंक के साथ है. साल 2023 में सरकार द्वारा इस बैंक के अपने शेयर को बेचने के लिए बोली लगाई जा सकती है. इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा तथा नीति आयोग द्वारा कोई भी नोटिस जारी नहीं किया गया है. और उनके नाम से इंटरनेट पर इस तरह के अफवाह को शेयर किया जा रहा है.
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बैंकों के निजीकरण की क्या है सच्चाई
privatization of banks: आपको बता दें कि ऊपर बताए गए रिपोर्ट आप इंटरनेट पर बहुत सारे प्लेटफार्म पर देख पाएंगे. यह रिपोर्ट पूरी तरह से झूठ है. यदि आपको भी इस तरह की कोई खबर देखने को मिलती है तो इसे इग्नोर कर दीजिए. आपको बता दें कि नीति आयोग (bank privatization) द्वारा जारी की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह बताया गया है कि नीति आयोग किसी भी बैंक का निजीकरण करने के संबंध में चर्चा नहीं कर रहा है. इस तरह की अफवाह केवल नागरिकों को धोखा देने के उद्देश्य से फैलाई जा रही हैं. यदि आपने भी इस तरह की कोई खबर सुनी है तो इससे सावधान रहिए.
NITI Ayog द्वारा जारी किया गया नोटिस
नीति आयोग द्वारा 6 जनवरी 2023 को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रेस रिलीज के माध्यम से यह नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें बताया गया है कि सरकार यह नीति आयोग ने किसी भी प्रकार की लिस्ट जारी नहीं करी है. नीति आयोग ने बैंकों के निजीकरण के संबंध में कोई भी सूची जारी नहीं करी है. इसलिए आपको सूचित किया जाता है कि नीति आयोग के प्लेटफार्म से बैंकों को निजीकरण या संरक्षण देने का संबंध में किसी भी प्रकार की लिस्ट पर भरोसा ना करें. यह केवल एक अफवाह है जो इंटरनेट माध्यम से फैलाई जा रही है.
PIB fact Check ने किया है खबर का खुलासा
PIB fact check द्वारा सरकार के संबंध में इंटरनेट पर फैला जाने वाली झूठी खबरों पर रिपोर्ट दी जाती है. बैंकों के नीचे करण की सूचना मिलने के पश्चात PIB ने यह बात अपने वेबसाइट के माध्यम से शेयर करी है जिसमें बताया है कि नीति आयोग ने बैंकों के निजीकरण के संबंध में कोई लिस्ट जारी नहीं करी है. इस प्रकार आप किसी अफवाह के शिकार ना हो. हम आपके लिए PIB द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन का लिंक भी यहां दे रहे हैं. इस लिंक पर क्लिक करके आप डायरेक्ट नोटिफिकेशन को अपने मोबाइल फोन या डिवाइस के अंदर देख सकते हैं. इससे आपके खबर की पुष्टि हो जाएगी.